आंखें नम कर देने वाली फिल्म है यारियां 2
फिल्म की स्टोरी लाइन भले ही बिखरी हुई है लेकिन यह बिखरापन दर्शकों को अपने साथ बांध लेता है। एक पत्नी जब अपने पति की प्रेमिका के घर में उसे सम्मान दिलाने की कोशिश करें तो दर्शकों का रोना तो बनता है। उस पर से अगर अभिनेत्री बेहतरीन अदाकारी करें तो यह तो सोने पर सुहागा जैसी बात है।
फ़िल्म की स्टोरीलाइन
यह फिल्म तीन भाई बहनों के प्यार और उनकी जिंदगी के इर्द-गिर्द बुनी गई कहानी पर आधारित है जो अपने-अपने जीवनी में अलग-अलग तरह की कठिनाइयों का सामना करते हैं। यह साल 2014 में रिलीज हुई मलयालम फिल्म बेंगलुरु डेज की हिंदी रीमेक है।
इस फिल्म में मुख्य किरदार निभा रही दिव्या खोसला यानी लाडली एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेना चाहती है लेकिन उसकी सिंगल मदर को उसकी शादी की चिंता है। वह उसकी अरेंज मैरिज अभय सिंह कटियाल यानी यश दासगुप्ता के साथ करना चाहती हैं। अभय का अपना एक अतीत है। लाडली की शादी में उसके दो भाई यानी मीज़ान जाफरी और पर्ल वी पुरी आते हैं। यह दोनों मुंबई में रहते हैं लाडली भी अपनी शादी के बाद मुंबई ही शिफ्ट हो जाती है। तीनों की अपनी जिंदगी में अलग-अलग तरह की चीज चल रही होती हैं। लाडली के सामने अभय का अतीत है जिसका सामना उसे करना है।
इस फिल्म में तीन दिलचस्प प्रेम कहानी हैं।
फ़िल्म के गाने
इस फिल्म का म्यूजिक मनन भारद्वाज , खलीफ ,रहीम शाह और यो यो हनी सिंह ने कंपोज किया है। इस फिल्म में सांसों की माला पे गाना जिसे नुसरत फतेह अली खान साहब ने कंपोज किया था , का भी रीमेक है।
कुल मिलाकर फिल्म में 10 गाने हैं। इन गानों को अरिजीत सिंह , विशाल मिश्रा , नीति मोहन , मनन भारद्वाज , नेहा कक्कड़ , जुबिन नौटियाल , गुरु रंधावा , परंपरा और सचेत , मास्टर सलीम , यो यो हनी सिंह जैसे बेहतरीन और आला गायको ने गाया है।
इस फिल्म को एक म्यूजिकल फिल्म कहा जा सकता है क्योंकि इस फ़िल्म में ऊंची ऊंची दीवारें , सोरे घर , बेवफा तू जैसे खूबसूरत गाने हैं।
फ़िल्म में एक्टिंग
यह फ़िल्म जिगरी दोस्ती और भाई बहन के मजबूत रिश्ते की कहानी है इसके अलावा फिल्म में तीनों की अलग-अलग कहानी को भी दिखाया गया है। इस फिल्म में दिव्या खोसला कुमार अपने रोल में पूरी तरह फिट बैठी नजर आती है इसके अलावा मीज़ान ने भी इस फिल्म में अपने अभिनय और आवाज के कौशल से दर्शकों को चौकाया है। अगर पर्ल की बात की जाए तो उन्हें फिल्म में भले ही कम जगह मिली है लेकिन उन्होंने इमोशनल सीक्वेंस को बहुत बेहतरीन से निभाया है। फिल्म के सेकंड हाफ में दिव्या खोसला की एक्टिंग देखने लायक है। वे इतनी उम्दा एक्टिंग करती हैं कि इस समय मौजूद हर न्यू कमर अभिनेत्री के छक्के छुड़ा सकती हैं।
इसके अलावा जो भी अन्य कलाकार फिल्म में है उन्होंने भी फिल्म में अच्छा अभिनय किया है।
फ़िल्म की रेटिंग और रिव्यु
इस फिल्म को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। फिल्म में भाई बहन की जो बॉन्डिंग दिखाई है वह लोगों को बहुत आकर्षित करती है। फिल्म की स्टोरी भी काफी अच्छी है लेकिन फिल्म थोड़ी ज्यादा लंबी है अपनी कहानी के हिसाब से। फिल्म की कहानी में गहराई की कमी है , हर एक किरदार की अपनी समस्याएं हैं लेकिन उन्हें फिल्म में ज्यादा गहराई से नहीं दिखाया गया है। अगर फिल्म की कहानी में गहराई पर ध्यान दिया गया होता तो यह फिल्म एक अच्छी फिल्म से बेहतरीन फिल्म बन जाती।
पर्ल वी पुरी का भी फिल्म में एक किरदार है लेकिन जैसे-जैसे फिल्म की कहानी आगे बढ़ती जाती है वैसे-वैसे उनके किरदार को कम कर दिया जाता है और एक समय ऐसा आता है जब शायद दर्शक यह भूल जाएंगे की फिल्में पर्ल का भी एक किरदार है।
इस फिल्म की कहानी बेहतरीन है केवल इस फिल्म में इसी तरह की कमियां हैं जिन्हें इग्नोर भी किया जा सकता है।
फिल्म में एक ऐसा हिस्सा आएगा जब दिव्या खोसला की कहानी पर फोकस किया जाएगा अगर आप वह हिस्सा देखेंगे तो बरबस ही आपकी आंखें नम हो जाएँगी।
यह मूवी एक फैमिली फिल्म है इसे आप पूरे परिवार के साथ देखने जा सकते हैं। लेकिन अगर वीकेंड पर आप इसे अपने भाई बहन और दोस्तों के साथ देखने जाना चाहते हैं तो भी यह फिल्म एक बेहतरीन ऑप्शन है।
इस फिल्म को आईएमडीबी ने 10 में से 9.1 की रेटिंग दी है। अगर टाइम्स आफ इंडिया और गैजेट्स 360 की बात की जाए तो इसे 5 में से तीन और पांच में से 4.3 की क्रमशः रेटिंग दी गई है।
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