यह फिल्म 46वे टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 15 सितंबर को प्रीमियर हुई थी। इस फिल्म के डायरेक्टर करण बुलानी हैं , वहीं इस फिल्म को रिया कपूर , एकता कपूर ने मिलकर प्रोड्यूस किया है। इस फिल्म की लेखिका हैं राधिका आनंद और प्रशस्ति सिंह।
फ़िल्म का प्लॉट
कनिका कपूर (भूमि पेडनेकर) एक अकेली, मध्यम आयु वर्ग की महिला है, जो मानें या न मानें, उसे कभी भी ऑर्गेज्म नहीं हुआ है। फिल्म की शुरुआत में ही यह दिखाया गया है कि असल जीवन उन परियों की कहानियों जैसी प्रेम कहानियों से कितना अलग है, जिन्हें वह सुनकर और देखकर बड़ी हुई है। कनिका पुरुषों द्वारा चलाई गई दुनिया में सामाजिक दबावों और रूढ़ियों से कुचली जाती है, जिसमें वह रह रही है। कनिका मिनिमम .. प्लेज़र की तलाश में यात्रा पर निकल पड़ती है।
फ़िल्म में अभिनेत्रियों की अदाकारी
भूमि पेडणेकर अब तक ऐसी लड़कियों की भूमिकाएं निभाती आई है जो छोटे शहर की लड़कियां थी लेकिन भूमि को छोटे शहर की लड़की के अवतार से बाहर निकाल कर एक बेहद खूबसूरत दीवा का कैरेक्टर प्ले करते हुए देखना बहुत ही ज्यादा आनंददायक है।
इस फ़िल्म में भूमि के अलावा शिवानी बेदी और डॉली सिंह भी है जिन्होंने बहुत ही अच्छी नेचुरल एक्टिंग की है। ऐसा लगता है जैसे ये दोनों फिल्म में ताजगी और मजा ले आती हैं। दरअसल मुझे ऐसा लगता है कि शिवानी के भीतर एक बहुत अच्छा कलाकार छिपा हुआ था जिसे अब तक उभरने का मौका नहीं मिला लेकिन इस फिल्म में हमें वह दबा हुआ अभिनय देखने को मिला मिलेगा।
इन दोनों अभिनेत्री के अलावा कुशा कपिला और शहनाज़ गिल भी हैं। लेकिन फिल्म में दोनों के ही पास कुछ खास करने को नहीं है इसके अलावा मेल एक्टर्स की बात करें तो फिल्म में करण कुंद्रा और सुशांत हैं। करण कुंद्रा की भूमिका उसे लेवल पर नहीं है जिसके वह हकदार थे वहीं सुशांत ने खुद को इस तरह चमकता है कि वह फिल्म से अपना हिस्सा चुरा लेते हैं। इसके अलावा अनिल कपूर भी इस फिल्म में कैमियो करते नजर आए हैं जो की फिल्म में ह्यूमर को ऐड करते हैं और यह कलाकार और उसकी खूबसूरती की क्या बात की जाए ना उनकी उम्र बढ़ती है ना उनकी अदाकारी की खूबसूरती घटती है।
फ़िल्म के गाने
इस फिल्म में कुल 7 गाने हैं। इस फिल्म के अधिकांश गाने विशाल मिश्रा ,अमन पंत , निकिता गांधी , Qaran ने गए हैं।
रेटिंग्स और फाइनल रिव्यु
इस फिल्म को आईएमडीबी ने 10 में से 6.7 की रेटिंग दी है। वहीं टाइम्स आफ इंडिया ने इसे 5 में से 3.2 और एनडीटीवी ने पांच में से 2 की रेटिंग दी है।
थैंक यू फॉर कमिंग एक परफेक्ट फैमिली फिल्म नहीं है लेकिन यह डेफिनेटली उन लोगों के लिए एक अच्छी फिल्म हो सकती है जो परियों की कहानी में विश्वास करते हैं। इस फिल्म में कई जगह कमियां है लेकिन इसके बावजूद भी यह कहा जा सकता है कि यह फिल्म के केवल सेक्स कॉमेडी मूवी नहीं है बल्कि इससे बहुत ज्यादा है।
यह फिल्म एक थॉटफुल और एक डिलाइटफुल मूवी है यह हंसी के साथ-साथ भावनाओं का परफेक्ट ब्लेंड है। इसकी लेखिका ने इस बात को साबित कर दिया है की औरतों के बारे में औरतों से बेहतर कोई नहीं लिख सकता है। यह फिल्म एक सवाल पूछता है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देता है।
जैसा कि मैं पहले कहा इस फिल्म में कुछ कमियां है और सबसे बड़ी कमी यह है कि इस फिल्म के शुरुआती एक घंटे को हम थोड़ा कमजोर मान सकते हैं क्योंकि इस फिल्म को अपने मुद्दे तक पहुंचने में थोड़ा समय लगता है। दूसरी तरफ इसमें कुछ ऐसे कैरेक्टर्स हैं जिनको और डिफाइन किया जाना चाहिए था जिसकी वजह से फिल्म काम अट्रैक्टिव लगती है। फिल्म का क्लाइमेक्स इतना स्ट्रांग नहीं है कि दर्शकों के मन पर गहरी छाप छोड़ पाए बाकी भूमि के लिए यह फिल्म काफी अच्छी चल रही है।