राज कुंद्रा की फिल्म UT69 रिलीज हो चुकी है। अगर आप इस फिल्म को देखने का प्लान बना रहे हैं तो आपको एक बार ये रिव्यू जरूर पढ़ लेना चाहिए। इस फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद आपको यह लग सकता है कि यह फिल्म एक बड़ी खतरनाक है कोई इस फिल्म को थिएटर में दिखाने की हिम्मत कैसे कर सकता है। फिर दूसरी तरफ आपके दिमाग में सवाल आता है कि क्या जिस तरह का फिल्म का ट्रेलर है वैसी ही फिल्म होगी या नहीं। इन सभी सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे इस रिव्यू में।
पोर्नोग्राफी केस में अरेस्ट होने से पहले राज कुंद्रा की इमेज बहुत अच्छी थी। उन्हें एक बेहतरीन बिजनेसमैन के रूप में देखा जाता था। लेकिन इस केस के बाद उनकी इमेज पूरी तरह से पलट गई है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या यह फिल्म उनकी इमेज में सुधार ला पाएगी या नहीं।
फिल्म की कहानी
अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा अपनी फिल्म यू टी 69 के जरिए बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे हैं। यह फिल्म राज कुंद्रा की ही बायोपिक है। इस फिल्म में पोर्नोग्राफी केस में जेल गए राज कुंद्रा के 63 दिनों को दिखाया गया है और इन 63 दोनों पर राज के ऊपर जो कुछ भी बीता उसे फिल्म को दिखाया गया है।

फिल्म में राज ने अपने ही किरदार को निभाया है। वह दिन राज की जिंदगी का शायद सबसे काला दिन होगा जिस दिन पोर्नोग्राफी केस में उन्हें हिरासत में लिया गया था। जब यह केस शुरू हुआ था तो राज को लगा था कि जेल में उन्हें मुश्किल से तीन या चार दिन ही बताने होंगे लेकिन उन्होंने जेल में बताएं 63 दिन उन्हें जिंदगी भर याद रहेंगे। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे जेल में राज कुंद्रा को सबके सामने नंगा किया गया। फिर vip सेल में भेजने की जगह उन्हें आम कैदियों के साथ रखा गया और कैसे-कैसे वह कैदी उन्हें अपने परिवार का हिस्सा बना लेते हैं।
फिल्म में एक्टिंग
इस फिल्म में राज कुंद्रा ने अच्छी एक्टिंग की है यह उनकी डेब्यू फिल्म है। अगर इस हिसाब से देखा जाए तो एक नॉन एक्टर के हिसाब से उन्होंने बहुत अच्छी एक्टिंग की है। फिल्म के फर्स्ट हाफ में शायद उनकी एक्टिंग कुछ ढीली लग सकती है लेकिन फिल्म के दूसरे हाफ में उन्होंने बढ़िया एक्टिंग की है। राज कुंद्रा के अलावा फिल्म में जो भी कलाकार हैं उन्होंने भी बेहतरीन काम किया है , सभी ने अपने कैरेक्टर्स को बखूबी प्ले किया है।

फिल्म का डायरेक्शन
फिल्म के डायरेक्टर शाहनवाज अली और उनकी टीम ने अच्छा काम किया है लेकिन अगर इससे भी ज्यादा तारीफ के कोई काबिल है तो वह है सिनेमैटोग्राफर। उन्होंने कई शॉट बड़ी बारीकी दिखाएं हैं इसलिए स्टोरी टेलिंग देखने में भी मजा आता है।
फिल्म की रेटिंग और रिव्यू
यह फिल्म एक एंटरटेनिंग फिल्म है। इस फिल्म को देखने के लिए लोग बहुत एक्साइटेड थे क्योंकि उन्हें लग रहा था कि इसमें राज कुंद्रा की सच्चाई का उन्हें पता चल जाएगा और उनका पहलू भी पता चल पाएगा। लेकिन अगर कोई इस फिल्म को सिर्फ इसलिए देखना चाहता है तो उसके हाथ केवल निराशा आएगी क्योंकि पूरी फिल्म में इस तरह का कोई भी सीन नहीं है जहां राज कुंद्रा अपने केस के बारे में खुलकर किसी से बात कर रहे हैं। लेकिन फिल्म में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें देखकर किसी भी दर्शके को मजा आ सकता है। इस फिल्म को देखने के बाद आपको यह मालूम होगा कि बाकी फिल्मों में दिखाए गए जेल से असल जिंदगी का जेल कितना अलग होता है। जेल में कैदी अपना समय काटने के लिए क्या-क्या करते हैं? यह सब कुछ भी आपको पता चल जाएगा। अगर इस फिल्म की राइटिंग में और भी दम होता तो शायद कुछ दर्शक इस फिल्म को देखकर रोने भी लग जाते और यह फिल्म और भी ज्यादा जबरदस्त बनती।
इस फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जिनमें जेल के कैदियों को नहाते दिखाया है या कुछ ऐसी चीज दिखाई है जो लोगों के लिए अनबीयरेबल हो सकती हैं। इसके अलावा यह फिल्म एक देखे जाने योग्य फिल्म है। इस फिल्म में कैदियों के खाँसने की आवाज से लेकर उनके संडास जाने तक को दिखाया गया है। तो कुछ लोगों को यह बुरा लग सकता है लेकिन जिन्हें यह सारी चीज बुरी नहीं लगती उन्हें यह फिल्म पसंद आएगी।