दर्शकों को काफी लंबे समय से विकी की इस फिल्म का इंतजार था। हम सभी जानते हैं कि विकी ने काफी कम समय में बॉलीवुड में अपनी अच्छी खासी जगह बना ली है। और अब लोग यह भी जान चुके हैं कि वह एक बेहतरीन एक्टर हैं। फिर चाहे बात मसाला फिल्मों की हो या एक ऐसी फिल्म की जो सिर्फ बेहतरीन एक्टिंग पर फोकस करती हो , विकी कौशल अपने आप को साबित कर चुके हैं। अब सैम मानेकशॉ से उनकी एक नई पहचान बनने वाली है। विकी को अपनी फिल्म मसान , सरदार उधम सिंह और राज़ी के लिए काफी तारीफ़ें मिल चुकी हैं।
1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध में मुख्य भूमिका निभाने वाले सैम मानेकशॉ एक दबंग सैन्य अधिकारी के तौर पर फेमस थे। उनका पूरा नाम होरमुसजी फ्रॉमजी जमशेदजी मानेकशॉ है।
फ़िल्म की कहानी
विकी कौशल की मोस्ट अवेटेड फिल्म सैम बहादुर आज सिनेमाघर में रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म एक बायोपिक है जो फील्ड मार्शल सैम मानिकशॉ के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में पांच बड़े युद्ध लड़ने से लेकर हर उस बात को दिखाया गया है जो किसी व्यक्ति के जीवन की महत्वपूर्ण घटना हो सकती है। फिल्म दिखाया गया है कि कब उन्हें सैम नाम मिला और कैसे उन्होंने फील्ड मार्शल तक की अपनी यात्रा पूरी की।
फिल्म में एक्टिंग

अगर केवल विकी कौशल की बात की जाए तो उन्होंने इस फिल्म में अब तक की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है। उन्हें देखकर लगता है कि यह एक ऐसा अभिनेता है जिसे संजोया जाना चाहिए। फिल्म में जिस तरह से उन्होंने एक्टिंग की है वह देखकर बड़े-बड़े डायरेक्टर्स अब उनकी तरफ मुड़ने लगेंगे और उन्हें और भी अच्छी स्क्रिप्ट्स ऑफर होने लगेंगे। इसके अलावा फिल्म में सनाया मल्होत्रा भी हैं जिन्होंने सैम मानेकशॉ की पत्नी का किरदार निभाया है। उनका किरदार इस फिल्म में सिंपलीसिटी लेकर आता है जिसे उन्होंने बखूबी प्रदर्शित किया है।
इसके अलावा फिल्म में फातिमा सना शेख भी इंदिरा गांधी के किरदार में दिखाई दी हैं और उन्होंने भी अपना काम बेहतरीन तरीके से किया है। अगर एक्टिंग में जीशान अयूब की बात ना की जाए तो यह उनकी एक्टिंग के साथ अन्याय होगा। वे फिल्म में याहया खान के किरदार में हैं और उन्होंने क्या जबरदस्त एक्टिंग की है। वे विकी को टक्कर देते दिखाई देते हैं।
फिल्म में विकी कौशल ने अपने किरदार को पूरी तरह से खुद पर महसूस किया है। वह न केवल बेहतरीन अदाकारी दिखाते हैं बल्कि उन्होंने सैम मैनिकशॉ की बॉडी लैंग्वेज से लेकर उनके एक्सेंट और उनकी हरकतों को भी बखूबी निभाया है।
इसके अलावा फिल्म में जितने भी सपोर्टिंग एक्टर्स हैं उन सभी ने बेहतरीन काम किया है जिसके लिए वे तारीफों के काबिल हैं।
फिल्म का डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन बहुत अच्छा है लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं। फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी ग्रिपिंग है जो दर्शकों को फिल्म के साथ जोड़े रखता है लेकिन दूसरे हाफ में फिल्म अपनी ग्रिप थोड़ी खो सी देती है। इस फिल्म की डायरेक्टर है मेघना गुलजार। इस तरह की कहानी कहने में अपने रिस्क होते हैं जिन्हें मेघना गुलजार ने उठाया जो रिस्क उन्हें पेऑफ भी करेंगे। यह एक पुराने वक़्त की कहानी है जिसमें पॉलिटिकल टच भी है और देशभक्ति की ललकार भी है।
जिन लोगों को डॉक्यूमेंट्री जैसी फ़िल्में देखने की आदत नहीं होती है उन्हें इस फिल्म को देखकर थोड़ी डिसएप्वाइंटमेंट जरूर हो सकती है। खासतौर से उन लोगों को जो इस फिल्म को एक एंटरटेनर फिल्म के तौर पर देखने जा रहे हैं। फिल्म की कहानी फिल्म के फ्लो के साथ नहीं जाती है जिसकी वजह से कुछ फीका फीका सा महसूस होता है।
फिल्म की रिव्यू और रेटिंग

सैम बहादुर एक बेहतरीन फिल्म है जिसमें चार चांद विकी कौशल की एक्टिंग की वजह से लग जाते हैं। फिल्म में काफी बेहतरीन डायलॉग हैं और केवल विकी कौशल की तारीफ करना ना इंसाफी होगी। फिल्म में जीशान ने भी काफी अच्छी एक्टिंग की है। कई जगह उनकी डायलॉग डिलीवरी रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
फिल्म की कहानी बहुत अच्छी है लेकिन फिल्म के फ्लोर के साथ नहीं जाती है जिसका मुख्य कारण है फिल्म का फॉर्मेट है। यह फिल्म बायोपिकल डॉक्यूमेंट्री टाइप की फिल्म है जिसकी वजह से फिल्म की कहानी के साथ इसके डायरेक्टर न्याय नहीं कर पाए हैं। फिल्म एपिसोडिक लगती है जो कुछ लोगों के लिए इशू हो सकती है बाकी यह एक बेहतरीन फिल्म है।
फिल्म में ओरिजिनल हिस्टोरिक फुटेज का भी यूज़ किया गया है जिसकी वजह से फिल्म की रिलेटेबिलिटी बढ़ जाती है और लोग फिल्म को ऑथेंटिक भी मानने लग जाते हैं। इस फिल्म की वजह से कई आर्मी एस्पायरेंट्स की जिंदगी में बड़े हैं बदलाव आएंगे। यह है फिल्म काफी हद तक लोगों को इंस्पायर करेगी।
आईएमडीबी ने इस फिल्म को 10 में से 8.7 की रेटिंग दी है। एनडीटीवी ने इसे पांच में से 3.5 की रेटिंग दी है वही टाइम्स आफ इंडिया ने भी इसे पांच में से 3.5 की रेटिंग दी है।