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Munjya movie Review In Hindi कभी डराने तो कभी हँसाने वाली फिल्म है मुंजया, फिल्म का कांसेप्ट है बिल्कुल नया

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6 जून देर रात दिनेश विजन (Dinesh Vijan) की फिल्म मुंजया (Munjya) का पेड प्रीव्यू किया गया था और 7 जून को यह फिल्म सिनेमाघर में रिलीज हो चुकी है। दिनेश विजन को भेड़िया (Bhediya), राब्ता (Raabta),स्त्री (Stree), लुका छुपी (Luka Chuppi)और रुही (Roohi) जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। वह फिल्म प्रोड्यूसर डायरेक्टर हैं और हिंदी फिल्मों के साथ-साथ अंग्रेजी फिल्में भी कर चुके हैं। अपने फ़िल्मी करियर को बनाने के लिए उन्होंने 14 साल पहले बैंक की नौकरी छोड़ दी थी और आज एक सक्सेसफुल फिल्म मेकर हैं। 

Film Director and Producer Dinesh Vijan [Photo Credit: IMDB]

इस फिल्म के डायरेक्टर आदित्य सरपोटदार हैं, फिल्म में अभय वर्मा, मोना सिंह, शर्वरी वाघ और सत्यराज हैं।

इस फिल्म में साल 1952 की कहानी दिखाई गई है तब एक लड़का मुन्नी नाम की लड़की से शादी करने से मना कर देता है जो उसे 7 साल बड़ी होती है और इसी वजह से लड़के को गंजा कर दिया जाता है और मुन्नी की शादी किसी और के साथ हो जाती है। उसी रात वह लड़का अपनी बहन को लेकर एक पीपल के पेड़ के नीचे काला जादू करता है और अपनी बहन पर वार करने के प्रयास में अपनी ही जान को खो देता है। जब लड़का मरता है तब उसे गंजा हुए केवल 10 दिन ही होते हैं और वह एक मॉन्स्टर में बदल जाता है जिसका नाम मुंजया है। 

अब फिल्म में इस फ्लैशबैक के बाद आज के समय की कहानी दिखाई जाती है जिसमें बिट्टू यानी अभय वर्मा (Abhay Verma) द्वारा अभिनीत किरदार अपनी मां के साथ रहता है और एक हेयर सलून में काम करता है। कुछ दिन से बिट्टू को कुछ डरावने सपने आ रहे हैं। वह बेला यानी शर्वरी वाघ के किरदार से प्यार करता है लेकिन बेला उसे हमेशा अपना अच्छा दोस्त ही समझती है और उसे यह भी मालूम चल जाता है की बेला कुबा नाम के एक विदेशी लड़के के साथ रिलेशनशिप में है।

कुछ दिनों बाद बिट्टू के सपने और भी स्पेसिफिक हो जाते हैं जब वह अपने पैतृक गांव अपनी मां और दादी के साथ जाता है। गांव जाने के बाद उसे मुंजया के बारे में पता चलता है और वह इस हांटेड पीपल के पेड़ के पास जाता है जहां उसका सामना मुंजया से होता है। इन सब चीजों में वह बच तो जाता है लेकिन उसपर मुंजया सवार हो जाता है जो उसे मुन्नी को ढूंढने पर जोर डालता है। क्या बिट्टू मुंजया को उसकी मुन्नी ढूंढ कर दे पाएगा।

फिल्म के डायरेक्टर ने फिल्म को अंत तक बाँध कर रखने की बहुत कोशिश की है और वह इसमें काफी हद तक कामयाब भी हुए हैं। फिल्म के कुछ दृश्य काफी डरावने हैं तो कुछ दृश्य बेहद कॉमेडी है। फिल्म के विजुअल इफेक्ट्स और साउंड इफेक्ट के साथ-साथ सिनेमैटोग्राफी भी बेहद बेहतरीन है जो इस फिल्म को अच्छे दर्जे की फ़िल्म बना देती है।

Photo Credit: IMDB

फिल्म की स्टोरी टेलिंग थोड़ी कन्ज्यूरिंग है फिल्म कहीं डराती है तो कहीं हँसाती है। फिल्म की शुरुआत जिस सीरियसनेस के साथ होती है वह फिल्म की आगे की कहानी में बरकरार नहीं रह पाती है इसलिए इस फिल्म को एक हॉरर कॉमेडी फिल्म कहना अच्छा होगा।

फिल्म का म्यूजिक भी काफी अच्छा है और इस फिल्म के गाने को फिल्म के पॉजिटिव प्वाइंट के रूप में देखा जा सकता है। फिल्म में एक पार्टी थी पर आधारित गाना है जो आपको पसंद आ सकता है। इसके अलावा फिल्म के बाकी गाने भी काफी अच्छे हैं। फिल्म का साउंड इफेक्ट और बैकग्राउंड म्यूजिक भी काफी अच्छा है।

फिल्म के लीड एक्टर अभय वर्मा ने फिल्म में अच्छी एक्टिंग की है उनके किरदार में जो मासूमियत है उन्होंने उसे बरकरार रखा है। फिल्म में अभय वर्मा के फैशियल एक्सप्रेशंस भी बहुत कमाल के हैं। 

बिट्टू की मां के किरदार में मोना सिंह ने भी बहुत ही इंप्रेसिव एक्टिंग की है। उनकी कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग भी काफी कॉमेडी है जो दर्शकों को गुदगुदा देते हैं।

फिल्म में शर्वरी मुख्य हीरोइन की भूमिका में हैं। डायरेक्टर  शर्वरी की एक्टिंग स्किल्स को और भी यूटिलाइज कर सकते थे लेकिन ऐसा फिल्म में नहीं हुआ है कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि शर्वरी ने फिल्म में अच्छा काम किया है।

यह फिल्म एक बहुत अच्छी है फिल्म बन सकती थी क्योंकि फिल्म का कॉन्सेप्ट एकदम नया कांसेप्ट है लेकिन फिल्म कहीं-कहीं पर एक्सेसिवली लाउड हो जाती है। फिल्म में मॉन्स्टर का कैरेक्टर भी काफी इरिटेटिंग है और फिल्म में मॉन्स्टर की वॉइस डबिंग भी बेहद खराब है जो फिल्म का मजा किरकिरा कर देती है। फिल्म का स्क्रीन प्ले भी उतना अच्छा नहीं है। एक तरफ फिल्म में कुछ किरदार अननेसेसरी लगते हैं तो दूसरी तरफ शर्वरी का किरदार अंडर यूटिलाइज्ड लगता है।

फिल्म की कहानी जिस तरह से आगे बढ़ती है उसे तरह से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्में आगे क्या हो सकता है। फिल्म का क्लाइमेक्स अच्छा है और इसी वजह से यह फिल्म देखी जा सकती है। अगर आप किसी हॉरर कॉमेडी फिल्म को देखना चाहते हैं तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं क्योंकि फिल्म का कॉन्सेप्ट एकदम नया है और इस तरह की फिल्म पहले कभी नहीं बनी है।

फिल्म को पिंकविला ने 2.5 की रेटिंग दी है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इसे पांच में से तीन रेटिंग दी है तो एनडीटीवी ने इसे 5 में से 1.5 रेटिंग दी है।

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