Maidaan Movie Review: अजय देवगन की बायोग्राफिकल स्पोर्ट्स फिल्म मैदान है इमोशन से भरपूर (Ajay Devgan’s biographical sports film Maidan Hai is full of emotions)
अजय देवगन (Ajay Devgan) की फिल्म मैदान एक बायोग्राफिकल स्पोर्ट्स Biographical Sports पर आधारित फिल्म है। इस फिल्म में इंडियन फुटबॉल टीम को स्वर्णिम युग दिखाने वाले कोच सैयद अब्दुल रहीम की लाइफ पर बनाया गया है। यह फिल्म पेड प्रीव्यू पर आज 10 अप्रैल को रिलीज हो चुकी है। वही नॉर्मली यह फिल्म ईद के मौके पर 11 अप्रैल को पूरे देश में रिलीज होगी इस फिल्म की टोटल लेंथ 3 घंटे 1 मिनट है।
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी 1952 से लेकर 1962 के दौर को दिखाती है। इस वक्त भारतीय फुटबॉल टीम का गोल्डन पीरियड चल रहा था और यह गोल्डन पीरियड सिर्फ एक आदमी सैयद अब्दुल रहीम की बदौलत संभव हो पाया थ। इस फिल्म की पूरी कहानी सैयद अब्दुल रहीम की जिंदगी पर ही आधारित है। कहानी की शुरुआत में दिखाया जाता है कि अब्दुल रहीम पूरे देश से फुटबॉल के लिए प्लेयर्स को इकट्ठा करते हैं और उन्हें ट्रेनिंग देते हैं लेकिन इस बीच उन्हें राजनीति से भी निपटना पड़ता है।

सैयद अब्दुल रहीम रियल टैलेंट को मौका देना चाहते थे और फेडरेशन के लोग एक विशेष क्षेत्र के लोगों को मौका देना चाहते थे। इसी वजह से सैयद अब्दुल रहीम को काफी पॉलिटिक्स का सामना भी करना पड़ा। 1952 और 56 के ओलंपिक में भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी बेहतरीन रहा लेकिन टीम अंतिम मुकाम को हासिल नहीं कर पाई और इसके बाद रहीम साहब को कोच के पद से हटा दिया जाता है। इस बीच उन्हें एक बीमारी भी घेर लेती है लेकिन वह अपने जीवन की कठिनाइयों से हार नहीं मानते हैं और भारतीय टीम को एक बार फिर कोच करते हैं और टीम को एशियन गेम्स में वह ग्लोरी दिलाते हैं जो टीम डिजर्व करती थी।
फिल्म का डायरेक्शन
बधाई हो जैसी सक्सेसफुल और हिट फिल्म बनाने वाले अमित शर्मा ने इस फिल्म का डायरेक्शन किया है। फर्स्ट हाफ में फिल्म की कहानी एकदम बोरिंग और फ्लैट लगती है लेकिन जैसे ही फिल्म का सेकंड हाफ शुरू होता है वैसे ही जोरदार सीक्वेंस आने चालू हो जाते हैं। फुटबॉल मैच वाले सीक्वेंस और बेहतरीन कैमरा वर्क की वजह से फिल्म में ऐसा लगता है जैसे हम कोई लाइव मैच देख रहे हो।

फिल्म का स्क्रीनप्ले और अच्छा हो सकता था वहीं फिल्म की लेंथ भी थोड़ी छोटी की जा सकती थी।
फिल्म में एक्टिंग
अजय देवगन ( Ajay Devgan ) ने इस फिल्म में फुटबॉल के कोच सैयद अब्दुल रहीम के किरदार को जिस तरीके से कमरे पर अदा किया है उसे देखकर यह लगता है कि अजय ने अपनी आंखों ही आंखों में एक्टिंग की है और अजय इसी चीज के लिए तो जाने जाते हैं। फिल्म में केवल अजय देवगन ( Ajay Devgan ) ही दिखाई देंगे लेकिन इसके अलावा फिल्म में गजराज राव और अजय देवगन ( Ajay Devgan ) की पत्नी के रूप में प्रियामणि ने भी बेहतरीन काम किया है। इनके अलावा फिल्म में फुटबॉल टीम के प्लेयर्स के रूप में जिन भी एक्टर्स ने अभी नहीं किया है वह सब कुछ ऑन पॉइंट है।
फिल्म का म्यूजिक
इस फिल्म के संगीतकार ए आर रहमान हैं उनकी गिनती देश के सबसे बड़े संगीतकारों में की जाती है लेकिन इस फिल्म में उनका दिया म्यूजिक ही सबसे ज्यादा निराशा जनक लगता है। जिस तरह का रहमान साहब का कद है उस तरह का इस फिल्म का म्यूजिक नहीं है। इस तरह की फिल्मों में अक्सर जोश जगा देने वाले गाने या बैकग्राउंड स्कोर शामिल होते हैं लेकिन इस फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है।
फिल्म का रिव्यू और रेटिंग
यह एक स्पोर्ट्स बायोपिक फिल्म है जिसे एक कोच के जीवन पर बनाया गया है और यकीन यह काफी इंस्पायरिंग भी लगती है। खासतौर से फिल्म का क्लाइमैक्स सीन यानी अंतिम 20 मिनट आपको आपके इमोशनल हाइ पर लेकर जाते हैं और आपका दिल फिल्म के अंत में खुश हो जाता है। फिल्म कई कमियों पर रोशनी डालती है और इसमें डर्टी पॉलिटिक्स भी शामिल है। इन सभी चीजों की वजह से आज भी भारत में कई खेल पिछड़े हुए हैं। फुटबॉल भारत में सबसे कम देखे जाने वाले भारत में से एक है लेकिन सैयद अब्दुल रहीम के दौर में फुटबॉल इस तरह से भारत में खेली जाती थी कि लोग भारत को एशियाई ब्राज़ील भी कहने लगे थे।
मैदान एक इंटरेस्टिंग फिल्म है और इसे बेशक थिएटर में जाकर देखा जा सकता है अगर कोई भी सैयद अब्दुल रहीम की कहानी को जानना चाहता है तो यह फिल्म देखनी चाहिए। फिल्म को देखने के बाद आपको चक दे इंडिया के कुछ सींस याद आ जाएंगे लेकिन शायद इतना मजा ना आ पाए क्योंकि फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी बोरिंग है। वहीं फिल्म की लेंथ भी थोड़ी ज्यादा है जिसे कम किया जा सकता था। अमित शर्मा ने जिस तरह से बधाई हो बनाई यह फिल्म वैसी तो नहीं बन पाई लेकिन यह फिल्म ऐसी फिल्म भी नहीं है जिसे थिएटर में देखने नहीं जाना चाहिए। अगर आपको स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्में पसंद है , अगर आप अजय देवगन ( Ajay Devgan ) को पसंद करते हैं , साथ ही साथ इंडियन नेशनल फुटबॉल टीम की कहानी है जानने में इंटरेस्टेड हैं तो आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए मैदान पैशन से भरपूर फिल्म है।
फिल्म को पिंकविला 5 में से 3.5 दैनिक भास्कर ने 5 में से 3 , द लल्लन टॉप ने पांच में से तीन तो एनडीटीवी ने पांच में से दो रेटिंग दी है। वही आईएमडीबी पर इस फिल्म को 8.4 की रेटिंग प्राप्त हुई है।
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