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फातिमा सना शेख की मूवी धक धक करती है इंडिपेंडेंट स्ट्रांग वूमेन को सेलिब्रेट : रिव्यु

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यह वूमेन हुड को ऐसा सेलिब्रेट करती है जैसा किसी फिल्म में नहीं किया है। यह फिल्म हर औरत द्वारा देखा जाना डिजर्व करती है जो हमेशा ऊंची उड़ान उड़ना चाहती थी लेकिन किसी कारण की वजह से या तो उनके परों को कतर दिया जाता है या वह अपनी उड़ान रोक देती हैं। इस फिल्म का स्क्रीन प्ले बहुत अमेजिंग है। इस फिल्म में ड्रामा और ह्यूमर को कुछ इस तरह से ब्लेंड किया गया है कि सब कुछ देखने में एकदम परफेक्ट लगता है। यह फिल्म अंत तक आपको इतना अच्छा महसूस करवाएगी कि जब आप थिएटर से अपने घर लौट रहे होंगे तो आपको लगेगा जैसे आपको किसी ने एक वार्म हग दिया हो। 

फ़िल्म का प्लाट 

स्काई यानी फातिमा सना शेख एक बाइकर लड़की होती है जो की एक बेहतरीन सक्सेसफुल यूट्यूब चैनल चलाती है जिसका अभी अभी उसके बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हुआ है। उसका यूट्यूब चैनल भी अभी फिलहाल अच्छी तरह काम नहीं कर रहा है जो कि उसके बॉयफ्रेंड द्वारा को होस्ट किया जाता था। अब उसे एक एक ऐसे कंटेंट की जरूरत होती है जो उसके चैनल को वापस ट्रैक पर लेकर आ जाए। उसे बार्सिलोना ऑटो एक्सपो के बारे में पता चलता है। आइडियाज को ढूंढते हुए उसकी मुलाकात होती है माही यानी रत्ना पाठक से जो की एक सीनियर औरत है। जिन्हें गाड़ी चलाना तब सीखना पड़ा जब उन्हें बेसहारा और लाचार महसूस होने लगा था। यह महिला सोचती है कि उसे बाइकर्स के तीर्थ यानी खारदुंग ला तक अपनी बाइक से जाना है। जब स्काई को यह बात पता चलती है तो वह शुरुआत में उनकी बात को ज्यादा सीरियसली नहीं लेती है लेकिन बाद में मान जाती है। उसे लगता है कि शायद बार्सिलोना ऑटो एक्सपो में शामिल होने के लिए उसके लिए यह एक चांस या गोल्डन टिकट हो सकता है। गाड़ियों की सर्विसिंग करने के दौरान उन लोगों की मुलाकात उज़का यानी दिया मिर्जा के किरदार से होती है। जिसकी जिंदगी में अपने ही खुद के स्ट्रगल्स चल रहे होते हैं। वह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से तंग आ चुकी होती है और अपनी बेटी को लैपटॉप दिलाने के लिए वह स्काई और माही की गैंग को ज्वाइन कर लेती है क्योंकि उसे स्काई पैसे ऑफर करती है। वहीं संजना संघी अपनी रिश्तेदार के जरिए इस बाइक ट्रिप में इंवॉल्व होती है। वह अपनी आइडेंटिटी के सच की तलाश में है जिसे उसकी रिलेटिव मारथा था बहुत अच्छे तरीके से जानती हैं। 

फ़िल्म में एक्टिंग 

इस फिल्म में फातिमा सना शेख ने बेहतरीन ऐक्टिंग की है। उन्होंने एक यंग और कॉन्फिडेंट , इंडिपेंडेंट वूमेन का कैरेक्टर प्ले किया है। इस किरदार में उन्होंने परफेक्ट अमाउंट की एनर्जी दिखाई है अपनी परफॉर्मेंस में जो फिल्म का एक की पॉइंट है।

रत्ना पाठक तो हमेशा से ही एक्टिंग में बेहतरीन रही हैं और इस फिल्म में माही के किरदार में उन्होंने जान फूंकी है। उन्होंने इस फिल्म में यह साबित किया है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो औरत नहीं कर सकती हैं। रत्ना पाठक एक ऐसी लीजेंड है जिन्हें इस वूमेन ओरिएंटेड फिल्म में देखना एक बेहतरीन एक्सपीरियंस है। दिया मिर्जा ने भी इस फिल्म में बेहतरीन अदाकारी दिखाई है। उन्होंने अपने किरदार को इस तरह निभाया है जैसे की खुद में उस लड़की को समाहित कर लिया हो। वे इस तरह के और भी बेहतरीन और मजबूत किरदार डिजर्व करती हैं। 

संजना संगी के साथ फिल्म में जो दर सपोर्टिंग कास्ट हैं उन्होंने भी फिल्में बहुत बेहतरीन काम किया है।

फ़िल्म के गाने 

इस फिल्म में कुल आठ गाने हैं जिन्हें जैस्मीन सैंडलस , ऋषि दत्त , ओशो जैन ,राघव एंड अर्जुन जैसे लोगों ने गाया है। फिल्म का साउंड ट्रैक बहुत अमेजिंग है साथ ही साथ फिल्म का जो बैकग्राउंड स्कोर है वह भी सीन्स में काफी इमोशन ऐड करता है।

फ़िल्म के रिव्यु और रेटिंग्स 

इस फिल्म को टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 5 में से चार रेटिंग दी है और इंडिया टुडे ने इसे 5 में से 3.5 की रेटिंग दी है। 

यह फिल्म एक बेहद खूबसूरत फिल्म है जो एक जादू की झप्पी की तरह महसूस होती है। यह औरत को खूबसूरती से सेलिब्रेट करने वाली एक ऐसी फिल्म है जो महिला दर्शकों द्वारा सालों तक याद रखी जाएगी। यह फिल्म उनके दिलों में गहरी जगह बनाने वाली है। फिल्म में कुछ कमियों के अलावा फिल्म देखने लायक है और बेहतरीन कमाई करना डिजर्व करती है। इस फिल्म का फर्स्ट हाफ बहुत बेहतरीन है लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती जाती है वैसे वैसे फिल्म की रफ्तार थोड़ी कम हो जाती है लेकिन कहीं पर भी फिल्म बोरिंग नहीं लगती है। अपने अंत की ओर बढ़ते हुए फिल्म थोड़ी ओवर ड्रैमेटिक लग सकती है लेकिन जैसे ही यह अपने क्लाइमैक्स को छूएगी वैसे ही यह आपको बेहद खूबसूरत महसूस कराने लग जाएगी। यह फिल्म उन फिल्मों की तरह है जिन्हें देखने के बाद आप पूरी तरह सेटिस्फाइड महसूस करते हैं। 

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