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क्रैक जीतेगा तो जिएगा मूवी रिव्यू : विद्युत जामवाल की फिल्म में है जबरदस्त एक्शन

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डायरेक्टर आदित्य दत्त के डायरेक्शन में बनी फिल्म क्रैक जीतेगा तो जिएगा कल सिनेमाघर में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में पहली बार अर्जुन रामपाल और विद्युत जामवाल स्क्रीन शेयर करते हुए दिखाई देंगे। इस फिल्म में विद्युत में जबरदस्त एक्शन किया है। विद्युत और अर्जुन के अलावा फिल्म नोरा फतेही , एमी जैक्सन ,अंकित मोहन ,विजय आनंद जैसे कई कलाकार हैं। 

इस फिल्म में मुंबई के रहने वाले सिद्धार्थ दीक्षित यानी विद्युत जामवाल की कहानी को दिखाया गया है जो हर वक्त स्टंट और हारतंगेज कारनामें दिखाता रहता है। इस कहानी की शुरुआत एक ट्रेन सीक्वेंस से होती है जिसमें सिद्धार्थ एक बेहद खतरनाक स्टंट करते हुए दिखाई देता है। सिद्धार्थ का सपना है कि वह पोलैंड में हो रहे एक्सट्रीम स्पोर्ट्स इवेंट में हिस्सा ले। हालांकि यह कोई नार्मल गेम कंपटीशन नहीं होता है बल्कि इस कंपटीशन को जीतने के लिए हर एक कैंडिडेट को अपनी जान की बाजी लगानी होती है लेकिन सिद्धार्थ का परिवार उसके इस सपना के आड़े आ रहा होता है। सिद्धार्थ के माता-पिता उसे इस गेम में हिस्सा लेने से मना कर देते हैं क्योंकि उन्होंने अपने बड़े बेटे की इसी गेम की वजह से जान जाते हुए देखा था। लेकिन सिद्धार्थ उनकी बात को नकारते हुए इस ख़तरनाक खेल का हिस्सा बनने के लिए पोलैंड चला जाता है। पोलैंड जाकर सिद्धार्थ की मुलाकात अर्जुन रामपाल द्वारा अभिनीत किरदार देव से होती है। देव ही इस गेम का ऑर्गेनाइजर होता है। पोलेंड जाकर सिद्धार्थ को पता चलता है कि उसके बड़े भाई की मौत धोखे से हुई थी। अब सिद्धार्थ का लक्ष्य बन जाता है अपने भाई के कातिलों को ढूंढना।

फिल्म में नोरा फतेही एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर बनी है तो दूसरी तरफ एमी जैक्सन एक लोकल पुलिस के किरदार में दिखाई देंगी।

जैसा कि हम जानते हैं इस फिल्म को आदित्य दत्त ने डायरेक्ट किया है। आदित्य ने विद्युत जामवाल और अर्जुन रामपाल से उनके एक्टिंग बेस्ट निकलवाने की कोशिश की है। फिल्म के फर्स्ट हाफ को काफी इंगेजिंग रखा है लेकिन फिल्म का सेकंड हाफ थोड़ा बोरिंग हो जाता है। 

फिल्म का डायरेक्शन तो ठीक है लेकिन फिल्म की स्टोरी पर थोड़ा और ध्यान दिया जाना चाहिए था। डायरेक्टर ने अपना काम ठीक तरह से किया है लेकिन स्टंट कोरियोग्राफर ने अपना काम बेहतरीन किया है। हर एक स्टंट सीक्वेंस देखने में एकदम ओरिजिनल लगता है , इस फिल्म में स्टंट कोरियोग्राफर रवि वर्मा हैं। और उन्हें उनके काम के लिए पूरे नंबर मिलनी चाहिए इसके अलावा फिल्म की सिनेमैटोग्राफी मार्क हैमिल्टन ने की है। फिल्म का स्क्रीनप्ले और डायलॉग बहुत ही ज्यादा कमजोर हैं। फिल्म में विद्युत मुंबई की टपोरी भाषा बोलते दिखाई देते हैं लेकिन उन्होंने इस भाषा की शैली को ठीक तरह से पकड़ा नहीं है। इस पूरी फिल्म में डायरेक्टर और स्टंट कोरियोग्राफर ने केवल स्टंट सीक्वेंस पर ध्यान दिया है अन्य क्षेत्रों को ऐसे ही कमजोर छोड़ दिया है। 

फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर इस फिल्म की जान है। फिल्म के सारे एक्शन सीक्वेंस में बैकग्राउंड स्कोर एक अलग ही थ्रिल पैदा करता है। इस फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर कानों में चुभता नहीं है बल्कि इसकी वजह से हम एक अलग दुनिया में चले जाते हैं। इस फिल्म के गाने ऑलरेडी सोशल मीडिया पर काफी हिट हैं और दर्शकों की जबान पर चढ़ चुके हैं।

फिल्म में विद्युत जामवाल ने जबर्दस्त ऐक्शन सीक्वेंस निभाएं हैं लेकिन एक्टिंग में उन्होंने कुछ कमाल नहीं किया है। जिन इमोशनल सीन्स में लोगों की आंखों में अच्छी एक्टिंग से आंसू आ सकते थे उन सीक्वेंस में भी विद्युत में कोई खास अदाकारी नहीं दिखाई है। फिल्म में नोरा फतेही के पास एक्टिंग में ज्यादा कुछ करने को था नहीं। एमी जैक्सन ने भी फिल्म में बेहद कमजोर एक्टिंग की है। फिल्म में अर्जुन रामपाल ने देव का किरदार निभाया है और यही अकेले एक ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने फिल्म में अच्छी एक्टिंग की है। अर्जुन हर जगह विद्युत को कंप्लीमेंट करते दिखाई देते हैं। फिल्म में अर्जुन के एक्सप्रेशंस से लेकर एक्शन सीक्वेंस तक उन्होंने बहुत ही कमाल किया है। इस फिल्म में यह पहली बार अर्जुन को इतना इंटेंस एक्शन करते देखा गया है लेकिन उन्होंने इसे बखूबी निभाया है। इसके अलावा फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट ने भी फिल्म में कुछ खास नहीं किया है।

अगर आप अर्जुन रामपाल के फैन हैं और उन्हें एक्शन करते देखना चाहते हैं तो इस फिल्म को आपको हंड्रेड परसेंट देखना चाहिए। अगर आप विद्युत जामवाल के फैन हैं तो भी आपको इस फिल्म को देखना ही चाहिए लेकिन इसके अलावा अगर आप गेमिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन है तो भी आप इस फिल्म को देख सकते हैं क्योंकि इस फिल्म में आपको एक से बढ़कर एक बेहतरीन एक्शन सीक्वेंस देखने को मिलेंगे। कुछ सीक्वेंस तो ऐसे हैं जिन्हें आप शायद पहली बार ही देखें। यह फिल्म उन टीनएजर्स को भी पसंद आएगी जो ऑनलाइन एक्सट्रीम एडवेंचर स्पोर्ट्स गेम के शौकीन हैं। अगर आप किसी भी तरह की रियलिस्टिक फिल्में देखना पसंद करते हैं तो यह फिल्म शायद आपके लिए नहीं है। इस फिल्म को विद्युत ने ही प्रोड्यूस किया है और फिल्म में इंटरनेशनल लेवल का एक्शन है जो इस फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है।

अब तक तो मैंने आपको फिल्म को देखने के कारण बताएं हैं लेकिन फिल्म में कुछ सस्ते डायलॉग है जो दर्शकों को बेहद निराश करते हैं। फ़िल्म में कहीं-कहीं लॉजिक की कमी भी देखने को मिलती है। फिल्म का सेकंड हाफ काफी बोरिंग है और कुछ बेवजह के घुसाए हुए सीन की वजह से फिल्म में कहीं-कहीं रियलिस्टिक्नेस की कमी लगती है। अगर आप इन सभी कमियों को इग्नोर करके यह फिल्म देख सकते हैं तो यह फिल्म डेफिनेटली आपके लिए ही बनी है। 

फिल्म को दैनिक भास्कर ने 5 में से 3.5 की रेटिंग दी है। जागरण ने फिल्म को पांच में से 3.5 की रेटिंग दी है। इसके अलावा अमर उजाला ने फिल्म को पांच में से दो की रेटिंग दी है और पिंकविला ने भी इसे पांच में से दो की रेटिंग दी है। 

आईएमडीबी ने इस फिल्म को 8.1 की रेटिंग दी है।

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